राजस्थान की संस्कृति (rajasthan ki sanskarti)

राजस्थान की संस्कृति (rajasthan ki sanskarti) यहाँ की धर्म प्रधान रही है अतः यहाँ राजस्थान की संस्कृति मूर्तियों , शिल्प कलाकृतियों , चित्रों एवं साहित्य में देवी – देवताओं को …

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राजस्थान में कला एवं संस्कृति (rajasthan me kala avm sanskarti)

राजस्थान में कला एवं संस्कृति से सम्बद्ध संस्थाएँ। (rajasthan me kala avm sanskarti se samband sansthaya) राज्य में कला संस्कृति, संगीत एवं साहित्य के संवर्द्धन एवं प्रसार – प्रचार में …

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रूपायन संस्थान, नगर श्री लोक – संस्कृति शोध संस्थान, राजस्थान राज्य अभिलेखागार (rupayan sansthan, nagar shree lock – sanskarti shodh sansthan, rajasthan rajye abhilekhagar)

रूपायन संस्थान, बोरुन्दा (जोधपुर) (rupayan sansthan, borunda (jodhpur) पश्चिमी राजस्थान के विलुप्त हो रहे मधुर लोक संगीत , लोक वाद्यों एवं लोकानुरंजन के संरक्षण हेतु इस संस्थान की स्थापना वर्ष …

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राजस्थाल साहित्य अकादमी, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी (rajasthal, sahitya akadami, rajasthani bhasha, sahitya avm sanskarti akadami)

राजस्थाल साहित्य अकादमी, उदयपुर (rajasthal, sahitya akadami, udaypur) राजस्थान में समग्र साहित्यिक चेतना के विकास हेतु एवं राजस्थाल साहित्य अकादमी की विविध विधाओं में लेखन हेतु कवियों एवं लेखकों को …

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आमेर (जयपुर) के कच्छवाह, राजा भारमल, राजा भगवन्तदास, मानसिंह प्रथम (aamer jaipur ke kachavah, raja bharmal, raja bhagvantdas, mansing partham)

राजा भारमल (raja bharmal)(1547 – 1573 ई.) भारमल राजस्थान के ऐसे प्रथम शासक थे , जिन्होंने मुगलों की अधीनता स्वीकार की । राजा भारमल ने चगताई खाँ की मदद से …

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महाराणा अरिसिंह, महाराणा हम्मीरसिंह द्वितीय, महाराणा भीमसिंह (maharana arisingh, maharana hammirsingh divtiya, maharana bhimsingh)

महाराणा अरिसिंह (maharana arisingh) महाराजा राजसिंह द्वितीय की नि:संतान मृत्यु होने पर महाराणा जगतसिंह द्वितीय के छोटे पुत्र महाराणा अरिसिंह को गद्दी पर बैठाया । स्वर्गीय राजसिंह द्वितीय की झाली …

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महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय, महाराणा प्रतापसिंह (maharana sangram singh divtiya, maharana parthapsingh)

महाराणा संग्राम सिंह द्धितीय (maharana sangram singh divtiya)(1710 – 1734 ई.) महाराणा संग्राम सिंह द्वितीय ने उदयपुर में सहेलियों की बाड़ी एवं सीसारमा गाँव में वैद्यनाथ का मंदिर व वैद्यनाथ …

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महाराणा जगतसिंह प्रथम, महाराणा राजसिंह (maharaja jagatsingh partham, maharana rajsingh)

महाराणा जगतसिंह प्रथम (maharana jagatsingh partham) (1628 – 1652 ई.) 1628 ई . में कर्णसिंह की मृत्यु होने पर उसका पुत्र जगतसिंह (प्रथम) मेवाड़ का शासक बना । महाराणा जगतसिंह …

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